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ओपन बोर्ड में सिर्फ 55% छात्र ही हुए पास 10वीं-12वीं
नई दिल्लीः सीबीएसई सहित देश के सभी राज्यों के दसवीं और बारहवीं के नियमित शिक्षा बोर्डों में परिणामों में भले ही पिछले कुछ सालों में बड़ा सुधार हुआ है लेकिन ओपन बोर्ड के जरिए दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देने वाले करीब 55 प्रतिशत छात्र ही अभी परीक्षा पास कर पा रहे है। यानी ओपन बोर्ड से पढ़ने वाले करीब 45
प्रतिशत छात्र दसवीं और बारहवीं में फेल हो जाते है। यही वजह है कि शिक्षा मंत्रालय ने ओपन बोर्डों के इस प्रदर्शन पर चिंता जताई है और जल्द ही सुधार के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी देने की तैयारी में है।
शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल तब की है, जब वर्ष 2024 के देश भर के दसवीं और बारहवीं बोर्डों के परीक्षा परिणाम को लेकर कराए गए एक अध्ययन में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आयी। इसमें यह पाया गया कि दसवीं में नियमित बोर्ड से परीक्षा देने वाले छात्रों के पास होने का प्रतिशत जहां 88.1 प्रतिशत है, वहीं ओपन बोर्ड से दसवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के पास होने का
प्रतिशत महज 54 प्रतिशत है। ऐसी ही कुछ स्थिति बारहवीं की बोर्ड परीक्षा के परिणामों में दिखी है, जहां नियमित बोर्ड से परीक्षा देने वाले छात्रों के पास होने का प्रतिशत 86.5 प्रतिशत रहा, वहीं ओपन बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों के पास होने का प्रतिशत 57 प्रतिशत था। मंत्रालय की मानें तो ओपन बोर्ड से दसवीं व बारहवीं के परिणामों से साफ है कि इनमें पढ़ने वाले करीब 45 प्रतिशत छात्र फेल हो रहे है।
मौजूदा समय में देश में कुल 66 परीक्षा बोर्ड है। इनमें तीन राष्ट्रीय स्तर के परीक्षा बोर्ड व 63 राज्य स्तर के परीक्षा बोर्ड है। इन 63 राज्य स्तरीय बोर्डों में 54 नियमित बोर्ड और 12 ओपन बोर्ड है। ओपन बोर्ड से हर साल करीब 16 लाख छात्र दसवीं और बारहवीं की परीक्षा देते हैं
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Ava Lust
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Michaels Oert
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Jordi Paul
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!
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