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नया टैक्स स्लैब 2025: 7 लाख तक आय पर कोई कर नहीं

1. नए आयकर स्लैब (New Income Tax Slabs):

नई कर व्यवस्था में आयकर स्लैब की संख्या सात से घटाकर छह कर दी गई है। नए स्लैब निम्नानुसार हैं:

  • ₹0 - ₹2.5 लाख: कोई कर नहीं

  • ₹2.5 - ₹5 लाख: 5%

  • ₹5 - ₹7.5 लाख: 10%

  • ₹7.5 - ₹10 लाख: 15%

  • ₹10 - ₹12.5 लाख: 20%

  • ₹12.5 - ₹15 लाख: 25%

  • ₹15 लाख से अधिक: 30% 

2. महत्वपूर्ण छूट (Important Exemptions):

  • ₹7 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं: यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय ₹7 लाख तक है, तो उसे कोई आयकर नहीं देना होगा। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए यह सीमा ₹7.5 लाख प्रति वर्ष है 4।

  • स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction): वेतनभोगी व्यक्तियों को ₹75,000 के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा, जिसके कारण वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कर-मुक्त आय की सीमा ₹12.75 लाख प्रति वर्ष हो गई है 6।

3. विभिन्न आय स्तरों पर कर गणना (Tax Calculation for Different Income Levels):

  • ₹9 लाख की आय पर कर: यदि किसी की सालाना आय ₹9 लाख है, तो उसे ₹45,800 का कर देना होगा। पुरानी व्यवस्था की तुलना में इससे ₹15,000 की बचत होगी 4।

  • ₹12 लाख की आय पर कर: ₹12 लाख की आय पर कुल कर ₹93,600 होगा 4।

  • ₹15 लाख की आय पर कर: ₹15 लाख की आय पर कर की गणना 20% की दर से की जाएगी, लेकिन यह दर केवल ₹12 लाख से अधिक की आय पर लागू होगी 4।

4. पुरानी vs नई कर व्यवस्था (Old vs New Tax Regime):

  • पुरानी व्यवस्था: इसमें विभिन्न छूटों और कटौतियों (जैसे Section 80C, 80D, आदि) का लाभ उठाया जा सकता है।

  • नई व्यवस्था: इसमें छूटों और कटौतियों का लाभ नहीं मिलता, लेकिन कर स्लैब अधिक अनुकूल हैं। करदाताओं के पास अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी एक व्यवस्था को चुनने का विकल्प है ।

5. मध्यम वर्ग को लाभ (Benefits for Middle Class):

इन बदलावों का मुख्य लाभ मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोगों को मिलेगा। विशेष रूप से, ₹12 लाख तक की आय वाले लोगों को कर में महत्वपूर्ण राहत मिली है।

6. लागू होने की तिथि (Effective Date):

यह नई कर व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू हो गई है, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रभावी है 6।

निष्कर्ष (Conclusion):

कर स्लैब में यह बदलाव मध्यम वर्ग और वेतनभोगी लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। हालाँकि, करदाताओं को अपनी वित्तीय योजना बनाते समय पुरानी और नई कर व्यवस्था की तुलना अवश्य करनी चाहिए ताकि वे सबसे अधिक लाभ उठा सकें ।

 

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