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सुल्तानपुर: शिक्षक के घर IT छापा, फर्जी रिटर्न खुला
- छापेमारी और गिरफ्तारी: आयकर विभाग की टीम ने सुल्तानपुर के जयसिंहपुर ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय सपाही के प्रधानाध्यापक राम जनम यादव और कूरेभार ब्लॉक की शिक्षिका बिमलेश कुमारी के घरों पर छापा मारकर उन्हें हिरासत में लिया ।
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मामले की जड़: शिक्षिका बिमलेश कुमारी ने राम जनम यादव पर आयकर रिटर्न में हेराफेरी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि दो साल पहले टैक्स जमा करने के लिए पैसे दिए, लेकिन राम जनम ने यह राशि जमा नहीं की 35।
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फर्जीवाड़े का तरीका: राम जनम यादव ने शिक्षकों के आयकर रिटर्न में फर्जी निवेश, झूठे मेडिकल बिल और राजनीतिक दान की रसीदें दिखाकर टैक्स रिफंड की मोटी रकम हड़पी। इसके लिए वह शिक्षकों से "कमीशन" लेता था ।
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बरामद सबूत: छापे के दौरान फर्जी रिटर्न दाखिल करने के कागजात, ईमेल रिकॉर्ड और नकली निवेश प्रमाणपत्र बरामद हुए। राम जनम ने पूछताछ में अपने अपराध स्वीकार किए ।
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जांच का दायरा: इस मामले में 18 अन्य शिक्षकों पर भी नजर है, जिन्होंने वित्तीय सलाहकार के जरिए रिटर्न दाखिल किए थे ।
घटना की विस्तृत जानकारी
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शिकायत और छापेमारी: शिक्षिका बिमलेश कुमारी की शिकायत के बाद आयकर विभाग ने AI सिस्टम की मदद से राम जनम यादव के संदिग्ध लेन-देन का पता लगाया। 14 जुलाई 2025 को सुबह छापेमारी की गई और 8 घंटे तक पूछताछ हुई 14।
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रैकेट का खुलासा: राम जनम यादव ने एक संगठित गिरोह के साथ मिलकर सैकड़ों शिक्षकों का फर्जी रिटर्न दाखिल किया। वह टैक्स कटौती की राशि वापस दिलवाकर अपना कमीशन रखता था ।
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शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया: इस मामले के बाद सुल्तानपुर के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने जांच शुरू की है। शिक्षा विभाग ने चेतावनी दी कि दोषी पाए जाने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी
प्रभाव और आगे की कार्रवाई
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राजनीतिक प्रतिक्रिया: विपक्षी दलों ने सरकार पर प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ दल ने कहा कि ईमानदारी की नीति के तहत ऐसे मामलों पर कार्रवाई जारी रहेगी ।
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आयकर विभाग की चेतावनी: विभाग ने करदाताओं से फर्जी रिटर्न दाखिल करने वाले एजेंटों से बचने की सलाह दी है। झूठे दावों पर 200% जुर्माना और 7 साल की जेल का प्रावधान है 9।
सारांश
सुल्तानपुर में आयकर रिटर्न के फर्जीवाड़े ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें उजागर की हैं। प्रधानाध्यापक राम जनम यादव और शिक्षिका बिमलेश कुमारी का मामला एक बड़े रैकेट की ओर इशारा करता है, जिसमें नौकरशाही और वित्तीय धोखाधड़ी शामिल है। आयकर विभाग की कार्रवाई ने भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए एक चेतावनी का काम किया है।
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