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आरबीआई का बड़ा फैसला: अब सिबिल स्कोर रियल-टाइम अपडेट होगा!

आरबीआई ने सिबिल स्कोर को "रियल-टाइम अपडेट" करने का अनिवार्य किया

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक ऐतिहासिक आदेश जारी करते हुए क्रेडिट सूचना कंपनियों (जैसे ट्रांसयूनियन सिबिल) को अब सिबिल स्कोर और रिपोर्ट को रियल-टाइम में अपडेट करने का निर्देश दिया है। अब तक यह प्रक्रिया हर 15 दिन में होती थी, जिससे लोन आवेदकों को पुराने डेटा के आधार पर निर्णय झेलने पड़ते थे। यह बदलाव लोन लेने वालों, बैंकों और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है 1।

बदलाव का विस्तृत विवरण:

पुरानी vs नई प्रणाली:

पैरामीटर पुराना नियम नया नियम (रियल-टाइम)
अपडेट आवृत्ति हर 15 दिन में लेन-देन होते ही तुरंत
लोन स्वीकृति पुराने स्कोर पर आधारित वर्तमान वित्तीय स्थिति के अनुसार
पारदर्शिता सीमित बढ़ी हुई (तत्काल त्रुटि सुधार)
 
  1. उधारकर्ताओं को लाभ:

    • तेज़ लोन प्रोसेसिंग: बैंक अब आपके वास्तविक सिबिल स्कोर के आधार पर ऋण मंजूर करेंगे, जिससे समय बचेगा।

    • सटीक जोखिम आकलन: यदि आपने हाल में लोन चुकाया है या क्रेडिट कार्ड बिल भरा है, तो उसका असर तुरंत स्कोर पर दिखेगा 1।

    • गलतियों का त्वरित सुधार: पहले रिपोर्ट में गलती होने पर सुधार में हफ्तों लगते थे, अब घंटों में ठीक हो सकेगा।

  2. बैंकों/एनबीएफसी के लिए फायदे:

    • डिफॉल्ट का कम जोखिम: रियल-टाइम डेटा से ऋण देते समय जोखिम का आकलन अधिक सटीक होगा।

    • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उन्नयन: आरबीआई ने कहा है कि सिबिल को अपने AI मॉडल्स को और भरोसेमंद बनाना होगा, ताकि गलत भविष्यवाणियाँ न हों 1।

चुनौतियाँ और आगे की राह:

  • तकनीकी लागत: क्रेडिट ब्यूरो को रियल-टाइम सिस्टम बनाने के लिए भारी निवेश करना होगा, लेकिन आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. राजेश्वर राव के अनुसार, यह लागत दीर्घकालिक लाभ के मुकाबले कम है 1।

  • पहचान मानकीकरण: अभी कुछ संस्थान ग्राहकों की पहचान संबंधी डेटा गलत देते हैं, जिससे सिबिल रिपोर्ट प्रभावित होती है। RBI ने इस समस्या को हल करने को कहा है।

  • उपभोक्ता सुझाव: समय-समय पर अपनी सिबिल रिपोर्ट चेक करें। त्रुटि मिलने पर 3 के अनुसार, आप सीधे क्रेडिट ब्यूरो या बैंक से शिकायत कर सकते हैं। 30 दिनों में समाधान न होने पर ₹100 रोज का मुआवजा मिलेगा।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव:

इस कदम से ऋण बाज़ार में पारदर्शिता बढ़ेगी और क्रेडिट ग्रोथ को बल मिलेगा। ध्यान देने योग्य है कि पिछले साल भारत में लोन डिफॉल्ट दर 1% से कम रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है 9। साथ ही, RBI दिवाली से पहले रेपो रेट में कटौती की योजना भी बना रहा है, जिससे ऋण और सस्ते होंगे 6।

निष्कर्ष: आरबीआई का यह फैसला "उपभोक्ता-अनुकूल डिजिटल बैंकिंग" की दिशा में बड़ा कदम है। रियल-टाइम सिबिल अपडेट से न केवल लोन लेने वालों को फायदा होगा, बल्कि बैंकों को भी डिफॉल्टरों से बचने में मदद मिलेगी। 

जिन प्राइवेट संस्थानों को प्राइमरी या जूनियर स्तर की मान्यता दी जाए उसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वह शासन द्वारा संचालित परिषदीय विद्यालयों से कम से कम 2 किलोमीटर दूर स्थित हों, जिससे कि परिषदीय विद्यालयों में हो रहे नामांकन पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े। समूह बीमा योजना के तहत होने वाली कटौती की धनराशि को खातों में भेजा जाए। इंचार्ज प्रधानाध्यापक का कार्य कर रहे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर समायोजित किया जाए। विद्यालयों में सफाई कर्मियों की नियुक्ति कर सफाई कराई जाए। बीएसए ने उपरोक्त मांगों का शीघ्र निस्तारण करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर अखिलेश राजपूत, अमित दुबे, शंकर चौहान, रामबरन राजपूत, कप्तान सिंह, साकेत चौहान, सौरभ सिंह राठौर आदि मौजूद रहे।

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