Blogs

चपरासी निभा रहा शिक्षा का धर्म, व्यवस्था बेबस
शिक्षा का धर्म निभा रहा चपरासी व्यवस्था बस दूर से ही ताक रही
चायल। सरायअकिल के आदर्श बालिका जूनियर हाईस्कूल में चार सालों से कोई शिक्षक नहीं हैं। यहां 63 छात्राएं हैं। अपने वेतन से कटौती कर परिचारक ने एक शिक्षक रखा है। जैसे-तैसे पढ़ाई चल रही है। प्रबंधन और बेसिक शिक्षा विभाग मांग पत्र की कागजी रेलगाड़ी पर सवार हैं।
फकीराबाद स्थित आदर्श बालिका जूनियर हाईस्कूल की शुरुआत आजादी मिलने के बाद ही हो गई थी। 1961 में विद्यालय को वित्तपोषित कर दिया गया था। उस जमाने में बालिकाओं के लिए यह इकलौता स्कूल था। धीरे-धीरे विद्यालय विद्यालय में तैनात शिक्षक सेवानिवृत्त होते गए। 2020 में अंतिम शिक्षिका कुसुम जायसवाल भी सेवानिवृत्त हो गईं।
विद्यालय में सिर्फ एक परिचारक पप्पू सरोज बचे हैं। उन्होंने बताया कि वह विद्यालय की साफ-सफाई भी करते हैं। छात्राओं की सुरक्षा की भी जिम्मेदारी उन पर है। पढ़ाई के लिए एक शिक्षक को निजी तौर पर रखा है, जिन्हें वह अपने वेतन के पैसे से भुगतान करते हैं।
ऐसे होता कक्षा का संचालन खुद भी पढ़ाते हैं पप्पू
सत्र 2024-25 में 63 छात्राओं का नामांकन किया गया है। कक्षा छह में 19, सातवीं में 21 और आठवीं 23 बालिकाएं हैं। बृहस्पतिवार को सवा दो बजे के करीब सातवीं और आठवीं में उपस्थित 24 बालिकाओं को पप्पू एक ही कक्षा में बैठा कर हिंदी पढ़ा रहे थे। छठवीं कक्षा को निजी शिक्षक राजबली संभाल रहे थे। छात्राओं ने बताया कि गणित, विज्ञान और अंग्रेजी की पढ़ाई में मुश्किल होती है।
प्रबंधक चंद्रदत्त मिश्र ने बताया कि हर साल शिक्षक की मांग की जाती है, लेकिन अब तक किसी की तैनाती नहीं हुई। चंद्रदत्तमिश्र, प्रबंधक
एडेड विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति आयोग से होती है। इनमें परिषदीय शिक्षकों तैनात नहीं किया जा सकता। विद्यालय प्रबंधन ही अपने स्तर से कुछ फैसला ले सकता है। कमलेंद्र कुशवाहा, बीएसए
Blog
More Related Article
Consulterz discovering the source behind the ubiquitous filler text. In seeing a sample of lorem ipsum, his interest was piqued by consectetur