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हमारा लक्ष्य बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना है
आगरा, शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है। हमारा उद्देश्य बच्चों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाना है। जब एक बच्चा पढ़-लिख कर आत्मनिर्भर बनता है, तो इससे परिवार और माता-पिता को गर्व महसूस होता है, और वह देश को मजबूत बनाने में भी योगदान देता है। हमारी सरकार इसी उद्देश्य के साथ बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रयासरत है। आज परिषदीय विद्यालय पूरी तरह से सुविधाओं से संपन्न हैं। समय के साथ-साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदल रहा है, और इसे बदलना भी चाहिए। यह विचार बुधवार को प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने व्यक्त किए। वे न्यू आगरा के कंपोजिट विद्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर आयोजित शिक्षा क्षेत्र के अग्रणी शिक्षकों, प्रबुद्धजनों और समाजसेवियों के सम्मान समारोह में उपस्थित हुए थे।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। 'एक पहल' संस्था के बच्चों ने सरस्वती वंदना की मनोहारी प्रस्तुति दी। सबसे पहले, कक्षा एक से तीन के 20 निपुण छात्रों को मंच पर बुलाकर बेसिक शिक्षा मंत्री ने सम्मानित किया, इसके बाद शिक्षा क्षेत्र में योगदान देने वाले अन्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
अंत में, जनपद के राज्य पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों कर्मवीर सिंह, वर्षा चाहर, श्रीकांत कुलश्रेष्ठ और प्रियंका गौतम को मंच पर सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने भाषण में महात्मा गांधी को नमन किया और उनके विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि परिषदीय विद्यालय अब मूलभूत सुविधाओं, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और कायाकल्प के माध्यम से नवीनीकृत हो रहे हैं।
इसी कारण से अभिभावकों का परिषदीय विद्यालयों पर विश्वास बढ़ा है। इस वर्ष परिषद के स्कूलों में 17 लाख नए छात्रों ने प्रवेश लिया है, और कुल 1.60 करोड़ छात्र इन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालयों में बेहतर वातावरण के साथ ही बच्चों को टेक्नोलॉजी से भी जोड़ा गया है, 30 हजार से अधिक स्मार्ट क्लास बनाए गए हैं, और दो लाख शिक्षकों को टैबलेट से जोड़ा गया है।
इसके अलावा, बच्चों को डिजिटलीकरण से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री कंपोजिट विद्यालय और पीएम श्री योजना के तहत विद्यालयों को अपग्रेड किया गया है। अटल आवासी विद्यालय बनाए गए हैं, और मुख्यमंत्री मॉडल विद्यालय बनाने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। पहले चरण में 57 जनपदों में ये विद्यालय तैयार किए जा रहे हैं, इसमें हर वो सुविधा होगी, जो निजी स्कूलों में बच्चों को मिलती है। इस मौके पर मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ऐश्वर्या लक्ष्मी, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी जितेंद्र कुमार गोंड, नगर क्षेत्र के खंड शिक्षाधिकारी सुमित कुमार आदि मौजूद रहे।
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