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टीजीटी-पीजीटी परीक्षा के लिए आयोग पर अभ्यर्थियों का महाधरना आज
प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) परीक्षा के मुद्दे पर प्रतियोगी छात्र मंगलवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर महाधरना आयोजित करेंगे। अभ्यर्थी आठ बिंदुओं पर आयोग में ज्ञापन सौंपेंगे।
प्रदेश के अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी व पीजीटी के 4163 पदों पर भर्ती के लिए जून 2022 में विज्ञापन आया था। इनमें टीजीटी के 3539 व पीजीटी के
624 पद शामिल हैं। पीजीटी परीक्षा तीन बार और टीजीटी परीक्षा दो बार स्थगित की जा चुकी है। टीजीटी परीक्षा 21 व 22 जुलाई और पीजीटी परीक्षा अगस्त के अंत में प्रस्तावित है।
आयोग ने पीजीटी परीक्षा की नई तिथि घोषित नहीं की है। बार-बार परीक्षा टलने से नाराज अभ्यर्थियों ने 17 जून को आयोग पर महाधरना देने
का निर्णय लिया है। सोमवार को प्रतियोगी छात्र मोर्चा की बैठक में महाधरने की तैयारी को लेकर समीक्षा की गई। इस दौरान मोर्चा के अध्यक्ष
विक्की खान के अलावा कृपाशंकर निरंकारी, अनिल उपाध्याय, वरुण शर्मा, विवेक मिश्रा और अनिल चौधरी आदि मौजूद रहे।
टीजीटी-पीजीटी का नया विज्ञापन अति शीघ्र जारी किया जाए।
टीजीटी-पीजीटी विज्ञापन वर्ष 2022 की परीक्षा तिथि की स्पष्ट की जाए।
टीजीटी जीव विज्ञान को राजकीय विद्यालयों की तरह अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में भी शामिल किया जाए।
ये हैं छात्रों की मांगें
टीजीटी कला विषय में टेक्निकल आर्ट वाले अभ्यर्थियों को भी एक अवसर प्रदान किया जाए।
प्रवक्ता पद गैर बीएड अभ्यर्थियों को भी परीक्षा में शामिल होने का एक अवसर प्रदान किया जाए।
विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की लिखित परीक्षा परिणाम शीघ्र घोषित किया जाए।
विज्ञापन संख्या 51 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर बीएड की परीक्षा तिथि अविलंब घोषित की जाए।
विज्ञापन वर्ष-2022 की परीक्षा सुचिता एवं पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए मंडल स्तर पर कराई जाए।
टीजीटी परीक्षा के लिए आयोग पर प्रदर्शन
प्रयागराज। टीजीटी परीक्षा के आयोजन की स्थिति स्पष्ट करने को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग पर धरना-प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा। अभ्यर्थियों के अनुसार परीक्षा नियंत्रक से वार्ता के दौरान यह बताया गया कि परीक्षा के आयोजन को लेकर शासन स्तर पर बात करने के लिए आयोग की अध्यक्ष लखनऊ गई हैं। जल्द स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। इस मौके पर युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह समेत प्रभाकर सिंह परिहार, बीएम भरद्वाज, अमित पांडेय, अंबरीष शुक्ल, सत्य प्रकाश सिंह रहे।
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Ava Lust
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Michaels Oert
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Jordi Paul
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!
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