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UP में 13 रुपये प्रति यूनिट हो सकती है बिजली, यह रहा प्रस्तावित रेट
पाॅवर काॅर्पोरेशन की ओर से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल बिजली दरों में 40-45 फीसदी बढ़ोतरी का संशोधित प्रस्ताव स्वीकार होता है तो उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका लगेगा। संशोधित प्रस्ताव के आधार पर ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम फिक्स चार्ज 8 और शहरी के लिए 9 रुपये प्रति प्रति यूनिट हो जाएगा। उन्हें अधिकतम फिक्स चार्ज के साथ प्रति किलोवाट फिक्स चार्ज, विद्युत कर और दूसरे शुल्क जोड़कर प्रति यूनिट 12 से 13 रुपये चुकाने होंगे।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया है कि पाॅवर काॅर्पोरेशन ने फिक्स चार्ज में बड़ा खेल किया है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को पाॅवर काॅर्पोरेशन की ओर से दिए प्रस्ताव के विरोध में सोमवार को नियामक आयोग में लोकमहत्व प्रस्ताव दाखिल किया। नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय सिंह से मुलाकात कर प्रस्ताव को असांविधानिक करार देते हुए खारिज करने की मांग की।
वर्मा ने बताया कि भाजपा के संकल्प पत्र में गरीबों को 100 यूनिट तक तीन रुपये प्रति यूनिट देने की बात कही गई है। उसे भी चार रुपये प्रति यूनिट कर दिया है। पहले बिजली दरों के चार स्लैब थे, जिन्हें तीन कर दिया गया है। कुछ स्लैब में बिजली दरों में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सरप्लस निकल रहा है। इसे लौटाने पर कोई बात नहीं हो रही है।
फिक्स चार्ज पर इस तरह बढ़ोतरी का प्रस्ताव
वर्मा ने बताया कि नए प्रस्ताव में फिक्स चार्ज भी बढ़ाया गया है। शहरी फिक्स चार्ज को 110 रुपये से बढ़ाकर 190 रुपये प्रति किलोवाट करने का प्रस्ताव दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में फिक्स चार्ज 90 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोवाट प्रस्तावित किया है।
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Ava Lust
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Michaels Oert
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Jordi Paul
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!
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