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कहीं प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा तो कहीं शिक्षक व प्रधानाचार्य रहे नदारद

 

 बहराइच/पयागपुर/बलहा। जिले के 2,803 परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से पंजीकृत 4.74 लाख विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा शुरू हुई। परीक्षा का पहला दिन अव्यवस्थाओं से घिरा रहा। कई विद्यालयों से जहां शिक्षक व प्रधानाचार्य नदारद रहे तो वहीं प्रश्नपत्रों को लेकर मारामारी रही। आलम यह रहा कि जिन प्रश्नपत्रों को एक दिन पहले पहुंचना था, वो परीक्षा के दिन सोमवार तक नहीं पहुंच सके। इसके चलते ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर परीक्षा संपन्न करवाई गई। 

 

पयागपुर तहसील क्षेत्र में सबसे ज्यादा अव्यवस्था देखने को मिली। प्रश्नपत्र न पहुंचने पर छात्र-छात्राओंं को कक्षाओंं में बैठकर प्रश्नपत्रों का इंतजार करते देखा गया। कई विद्यालयों में वाट्सअप पर प्रश्नपत्र भेजकर ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखकर काम चलाया गया। वहीं कक्षा पांच के हिंदी प्रश्नपत्र पूरे विकास क्षेत्र में ही नहीं पहुंचे। सबसे ज्यादा अव्यवस्था बीईओ कार्यालय में देखने को मिली। वहां सुबह लगभग आठ बजे प्रश्नपत्र पहुंचने पर शिक्षकों में होड़ मच गई। गोपनीयता की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षक बीईओ कार्यालय में ही प्रश्नपत्रों को बंद लिफाफे से निकालकर वितरित करते नजर आए। 

प्राथमिक विद्यालय पटिहाट में सुबह 9:45 तक प्रश्नपत्र नहीं पहुंचा। प्रधानाध्यापिका मीरा रानी प्रश्नपत्रों की बोट जोहती रहीं। यही स्थिति प्राथमिक विद्यालय पहलवारा में रही। पिपरा पदारथ व सेवा समाधि में ब्लैकबोर्ड पर ही प्रश्नों को लिखकर परीक्षा शुरू कराई गई। कोडरीताल की प्रधान शिक्षिका नगीना बेगम ने बताया कि कक्षा पांच के हिंदी प्रश्नपत्र मिले ही नहीं और अन्य विषयों के प्रश्नपत्र भी कम मिले हैं। बीईओ डाली मिश्रा से बात करने पर उन्होंने हाईकोर्ट में होने की बात कही। ऐसा तब है, जब निदेशक ने 22 मार्च तक प्रश्नपत्रों को सीलबंद लिफाफे पहुंचाने का आदेश दिया था। 

अनुपस्थित भी रहे कई शिक्षक 

बलहा के प्राथमिक विद्यालय नीलकोठी में सुबह 9:45 बजे प्रधानाध्यापिका बिब्बो बेगम अनुपस्थित मिलीं। वहीं प्रश्नपत्र व चॉक न होने से यहां परीक्षा ठप रही। शिक्षामित्र बीना सिंह व निजामुद्दीन मौजूद मिले। दोनों ने बताया कि प्रधानाध्यापिका 24 दिसंबर 2024 से स्कूल नहीं आई हैं और न ही कोई जानकारी दी है। विद्यालय के शौचालयों में बालक वर्ग का शौचालय छोड़ सभी ताले में कैद रहे। वहीं सबमर्सिबल भी खराब मिला। बीईओ बलहा अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि काफी समय से प्रधानाध्यापिका मेडिकल छुट्टी पर हैं। इसकी जांच करवाई जाएगी। 

सहायक अध्यापक प्रशांत सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानाध्यपक चंद्र शेखर सुबह विद्यालय आए थे, लेकिन किसी कारणवश उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर वापस चले गए। इस दौरान सहायक अध्यापक प्रशांत सिंह चौहान, शि.मि. मुल्कराज भास्कर उपस्थिति रहे। वहीं तेजवापुर के प्राथमिक विद्यालय बेहड़ा में शिक्षिका प्रियंका सिंह अनुपस्थित रहीं। प्रधानाध्यापक सुधा चौधरी ने कुछ भी जानकारी होने से मना कर दिया। बीईओ तेजवापुर अनुराग मिश्र ने बताया कि जांच की जाएगी। 

सभी जगह समय से प्रश्नपत्र भेजवा दिए गए थे। कहीं नहीं पहुंचे तो उसकी जांच करवाई जाएगी। मेरी जानकारी में सकुशल परीक्षा संपन्न हुई है। -आशीष सिंह, बीएसए



All Comments

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Ava Lust
19 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Michaels Oert
12 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Jordi Paul
28 August, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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