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बेसिक शिक्षा विभाग की कंपोजिट ग्रांट उपभोग में शिक्षकों को छूटा पसीना

महराजगंज। बेसिक शिक्षा विभाग कंपोजिट ग्रांट उपलब्ध कराने में समय का ध्यान नहीं रखता, जिसका खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है। कंपोजिट ग्रांट की 75 फीसदी धनराशि मार्च में ही जिले के 1705 स्कूलों के प्रबंध समिति के खाते में भेजी गई।

 

खर्च का विवरण और बिल प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर उपभोग की रिपोर्ट देनी थी, लेकिन 1100 स्कूलों ने ही उपभोग रिपोर्ट और बिल अपलोड किया है, जबकि इस राशि का उपयोग 31 मार्च तक ही करने की बाध्यता है। जनपद में शैक्षिक सत्र 2024-25 लगभग 3 करोड़ रुपये सत्र शुरू होते ही स्कूलों में भेजी गई थी। अप्रैल 2024 में भेजी गई यह धनराशि कंपोजिट ग्रांट की 25 फीसदी थी।

75 फीसदी शेष ग्रांट की राशि मार्च 2025 में स्कूलों के प्रबंध समिति के खाते में छह करोड़ रुपये भेजे गए। इस माह बच्चों की वार्षिक परीक्षा का आयोजन व परिणाम घोषित करने की आपाधापी में तमाम स्कूल इस धनराशि का उपभोग विलंब से मिलने के कारण नहीं कर सकें हैं क्योंकि सिर्फ 1100 स्कूलों ने ही अबतक प्रेरणा पोर्टल पर उपभोग करने की रिपोर्ट बिल बाउचर के साथ अपलोड की है।

600 के आसपास स्कूलों ने अभी तक उपभोग करने के साक्ष्य पोर्टल पर अबतक नहीं अपलोड किया है। जबकि नया सत्र भी शुरू हो गया है।परिषदीय स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि समय से अगर यह धनराशि मिलती तो काफी कारगर साबित होती। आखिरी समय में धनराशि भेजने से अचानक खर्च करने के नियम का अनुपालन करना पड़ता है ऐसे में जैसे-तैसे उपभोग की शर्त पूरी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

 

वह स्कूल बजट आसानी से खपा लेते हैं जो अपने पास से धनराशि खर्च करने से नहीं हिचकते। ग्रांट मिलने पर वह शिक्षक आसानी से समायोजन कर उपभोग की रिपोर्ट प्रस्तुत कर देते हैं।

All Comments

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Ava Lust
19 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Michaels Oert
12 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Jordi Paul
28 August, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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