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शिक्षकों की मेहनत आई रंग, परिषदीय स्कूलों में 10 हजार बढ़े छात्र
सबसे अधिक बिसरख में 5500 और दनकौर में हुए 1200 दाखिले
अभिभावकों को स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं से शिक्षक करा रहे अवगत
ग्रेटर नोएडा। नए सत्र के पहले ही माह में परिषदीय स्कूलों में 10 हजार नामांकन हो गए हैं। स्कूल चलो अभियान के तहत शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को बदले हुए परिषदीय स्कूलों से अवगत करा रहे हैं। इसका ही नतीजा है कि अप्रैल में ही तेजी से छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही है। चारों ब्लॉक में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट समेत कुल 511 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। पिछले सत्र में इन स्कूलों में करीब 84 हजार पंजीकृत थे। इसमें कक्षा आठवीं में लगभग आठ हजार बच्चे थे। जो इस बार नौवीं कक्षा में पहुंच गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया, अब तक बिसरख ब्लाक में लगभग 5500, दादरी में 1700, जेवर में 1400 और दनकौर में 1200 नामांकन हो चुके हैं। इस बार 25 हजार से अधिक नामांकन होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जनपद में पिछले दो साल में करीब सीएसआर के माध्यम से 400 करोड़ रुपये से स्कूलों का कायाकल्प किया गया है। इसके साथ ही अधिकतर स्कूलों में छात्र स्मार्ट बोर्ड की मदद से पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अभिभावकों से संपर्क कर छात्रों के लिए शासन से चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी जा रही हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार ने बताया, सितंबर तक स्कूलों में दाखिले होते हैं। यहां अन्य जनपदों के छात्र अधिक पढ़ाई करते हैं। इसलिए देर तक दाखिले होते रहते हैं। नए सत्र के पहले माह में ही 10 हजार दाखिले हो गए हैं। जिन्हें और बढ़ाया जाएगा।
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Ava Lust
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Michaels Oert
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

Jordi Paul
It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!
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