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परिषदीय शिक्षकों के तबादले की नई तिथि घोषित

यूपी में बेसिक शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया लगातार टलती जा रही है। अब परस्पर तबादलों के लिए आए हुए आवेदनों की सत्यापन तिथि 16 मई कर दी गई है। 

 

प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को परस्पर तबादले के लिए एक बार फिर नई तिथि मिल गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने तीसरी बार तिथि में संशोधन करते हुए 16 मई तक आवेदन के सत्यापन की तिथि बढ़ा दी है। वहीं इसके बाद आगे की प्रक्रिया के लिए संशोधित कैलेंडर जारी किया जाएगा।

प्रदेश में जिले के अंदर और एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले की प्रक्रिया दो महीने से चल रही है। एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादले के लिए पहले जोड़ा (पेयर) बनाने की तिथि 26 अप्रैल से 10, दूसरी बार पांच से 15 मई व तीसरी बार 14 से 20 मई तय की गई। इसके तहत बुधवार से शिक्षकों को ओटीपी शेयर कर जोड़ा बनाने की प्रक्रिया शुरू करनी थी। किंतु यह शुरू नहीं हो सकी।

बुधवार को बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के अंदर व एक से दूसरे जिले में ऑनलाइन आवेदन के सत्यापन की तिथि 13 मई तय थी। किंतु कुछ जिलों में बीएसए ने सत्यापन की तिथि बढ़ाने की मांग की है। इसे देखते हुए ऑनलाइन सत्यापन की तिथि 16 मई तक बढ़ाई जाती है। इसके अनुसार जिला स्तरीय समिति की बैठक व संस्तुति भी बीएसए द्वारा कराई जाएगी।

जानकारी के अनुसार अभी भी 30 से अधिक जिलों में शिक्षकों के आवेदन पत्रों का सत्यापन नहीं हुआ है। एक से दूसरे जिले में हुए 31 हजार से अधिक आवेदन में से मात्र दस फीसदी और जिले के अंदर हुए 39859 आवेदन में से 15 फीसदी आवेदनों का ही सत्यापन हो सका है। विभाग के आला अधिकारियों का बीएसए के ऊपर कोई असर नहीं पड़ रहा है। वे अपनी ही गति से प्रक्रिया का संचालन कर रहे हैं। इससे शिक्षकों में काफी ज्यादा नाराजगी बढ़ रही है।

*प्रक्रिया पूरी करने में न निकल जाए समय*

*उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के निर्भय सिंह ने कहा कि शिक्षक यह सवाल उठा रहे हैं कि जाड़े की छुट्टियों की ही तरह गर्मी की छुट्टियां भी प्रक्रिया पूरी करने में ही न निकल जाएं। क्योंकि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 20 मई से गर्मी की छुट्टियां शुरू हो रही हैं। विभाग ने गर्मी की छुट्टियों में शिक्षकों को कार्यमुक्त व कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया था। किंतु जिस गति से प्रक्रिया चल रही है, वह समय से पूरी होती नहीं दिख रही है।*

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