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10 वर्ष से ज्यादा समय तक दो शिक्षक प्राइमरी व महाविद्यालय में एक साथ पढ़ाते रहे, नौकरी गई

प्रयागराजः यह गजब का दुस्साहस और अंधेरगर्दी है। दो शिक्षक एक ही समय में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में सहायक अध्यापक नियुक्त रहने के दौरान स्ववित्तपोषित महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर भी कार्यरत रहे। प्राथमिक विद्यालय और महाविद्यालय में 10 वर्ष से ज्यादा समय तक एक ही अवधि में कार्य करते हुए वेतन लेने की शिकायत शासन तक की गई। मामले में गठित जांच समिति की संस्तुति पर शासन के निर्देश के क्रम में उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमित भारद्वाज ने बीएड विभाग के दोनों दोषी प्रवक्ताओं का महाविद्यालय में किया गया विनियमतीकरण शून्य घोषित कर दिया। इस तरह दोनों की महाविद्यालय से सेवा समाप्त हो गई।

 

यह शिकायत विधान परिषद की संसदीय एवं सामाजिक स‌द्भावना समिति में उरई के डा. सलिल तिवारी ने की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि अकबरपुर महाविद्यालय, कानपुर देहात में कार्यरत कुछ प्रवक्ता उसी अवधि में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर भी कार्यरत थे। सरकार एवं विभाग को अंधेरे में रखते हुए कूटरचना कर अकबरपुर महाविद्यालय में भी नौकरी प्राप्त की। इसी में एक नाम प्रवक्ता डा. विकास मिश्र का तथा दूसरा नाम डा. अभिनव सिंह का है। डा. विकास मिश्र वर्ष 2002 में मैनपुरी में प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक नियुक्त हुए और 2014 तक कार्यरत रहे। इसके अलावा वह 23 अगस्त 2003 में

स्वक्तिपोषित योजना के अंतर्गत अकबरपुर महाविद्यालय में प्रवक्ता चयनित हुए। इनके अलावा डा. अभिनव सिंह छह जनवरी 2006 को कानपुर नगर में परिषदीय विद्यालय में नियुक्त हुए और वर्ष 2014 तक कार्यरत रहे। इसके साथ ही यह अकबरपुर महाविद्यालय में स्ववित्तपोषित योजना में 25 अगस्त 2003 को प्रवक्ता नियुक्त हुए। इस तरह दोनों शिक्षक प्राथमिक और उच्च शिक्षा दोनों से एक साथ वेतन प्राप्त करते रहे। इसकी पुष्टि जांच में बैंक खाते से हुई है। इधर, पांच फरवरी 2014 को प्रदेश के छह स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को सरकार ने अनुदान सूची (ग्रांट इन एड) पर लिया, जिसमें अकबरपुर महाविद्यालय भी था। अनुदान सूची पर आने के बाद नियमानुसार 31 अगस्त 2003 से पूर्व से चयनित होकर कार्यरत शिक्षकों को उनके शैक्षिक अभिलेखों को देखते हुए एक मई 2014 को विनियमित कर दिया गया। इस तरह दोनों शिक्षक महाविद्यालय में इसी तिथि से नियमित हो गए। विनियमितीकरण के साथ ही दोनों शिक्षकों ने प्राथमिक विद्यालय से अवैतनिक अवकाश ले लिया। मामले में की गई शिकायत जांच में सही पाई गई। जांच में दोनों शिक्षकों एवं प्रबंधकों को भी सुना गया। मैनपुरी एवं कानपुर नगर के बीएसए की रिपोर्ट, जांच समिति की रिपोर्ट और शासन के निर्देश के क्रम में दोनों शिक्षकों के विरुद्ध उच्च शिक्षा निदेशक ने कार्रवाई की है।

All Comments

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Ava Lust
19 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Michaels Oert
12 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Jordi Paul
28 August, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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