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अतिथि प्राध्यापकों को अब 30 हजार मानदेय मिलेगा

लखनऊ, । केएमसी भाषा विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापकों को अब 30 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेगा। पहले इन्हें 25 हजार रुपए प्रति माह दिए जाते थे। साथ ही यहां एमए राजनीति विज्ञान और एमएड पाठ्यक्रम का भी रास्ता साफ हो चुका है। शिक्षकों के लिए इंटीग्रेशन टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम चलाए जाएंगे। विश्वविद्यालय की 37वीं कार्यपरिषद की बैठक में सभी को गुरुवार को अनुमोदन मिला है।

बैठक में एक से 10 तक के बिंदुओं पर कार्य परिषद ने अनुमोदन दे दिया। कार्यपरिषद के सचिव और विवि कुलसचिव डॉ. महेश कुमार ने सभी बिंदुओं पर चर्चा की। शिक्षक बर्खास्तगी मामले की जांच रिपोर्ट स्वीकृत: बैठक की बिंदु संख्या 11, 12 और 13 में डॉ. ममता शुक्ला, डॉ. मानवेंद्र सिंह और शबीह हैदर के मामले में जांच समिति की रिपोर्ट कार्यपरिषद ने स्वीकार कर ली। मार्च 2024 में कार्यपरिषद ने डॉ. ममता शुक्ला और डॉ. मानवेंद्र सिंह को बर्खास्त किया था। अब ये दोनों शिक्षक फिर से शिक्षण कार्य कर सकेंगे।

जबकि अंतिम बिंदु में डॉ. मुर्तजा अली अतहर मामले में कार्यपरिषद् ने उनका पक्ष जानने के लिए समय देने पर सहमति प्रदान की। बैठक में कार्यपरिषद के अध्यक्ष व विवि के कुलपति प्रो. अजय तनेजा, एक्सिक्यूटिव डॉयरेक्टर अलाना संस एवं प्रा. लि. फौजान अल्वी, विवि की के प्रो. चन्दना डे, प्रो. हैदर अली, प्रो. मसूद आलम, प्रो. एहतेशाम अहमद, प्रो. फखरे आलम, प्रो. सौबान सईद, डॉ. रुचिता सुजय चौधरी, डॉ. बुशरा अलवेरा, आमंत्रित सदस्य साजिद आजमी और डॉ. भावना मिश्रा आदि मौजूद रहीं। जानकारी के अनुसार बता दें कि बैठक में सदस्यों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में उपस्थिति दर्ज की।

इन बिंदुओं पर चर्चा हुई इसमें 36वीं कार्यपरिषद् की कार्यवाही, एक्शन टेकेन रिपोर्ट, 22 जनवरी 2025 के कार्यपरिषद् की आकस्मिक बैठक की कार्यवाही, एक्शन टेकेन रिपोर्ट, पांच मई 2025 की परीक्षा समिति की बैठक, विद्यापरिषद की 22वीं बैठक में लिए गए निर्णय शामिल रहे। इसके अलावा वित्त समिति की 30वीं बैठक में लिए गए निर्णय, नैक से मिले बी++ रैंकिंग के लिए संदर्भित, 2020 में नियुक्त नियमित शिक्षकों के कैरियर एडवांस्ड स्कीम के तक लाभ के संदर्भित, 18 जून में विद्या परिषद के लिए गए निर्णयों को कार्यपरिषद ने स्वीकृति दी है।

 

All Comments

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Ava Lust
19 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Michaels Oert
12 September, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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Jordi Paul
28 August, 2019

It's ironic that when the then-understood Latin was scrambled, it became as incomprehensible as Greek; the phrase 'it's Greek to me' and 'greeking' have common semantic roots!

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